हैप्पी जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण
जन्माष्टमी भाद्रपद में कृष्ण
पक्ष की अष्टमी
को मनार्इ जाती
है। इस बार
ये पर्व 2 सितंबर
को पड़ रहा
है। जन्माष्टमी का
व्रत करने वालों
को इस दिन
केवल एक ही
समय भोजन करना
चाहिए। व्रत वाले
दिन, स्नान आदि
से निवृत्त होने
के बाद, पूरे
दिन उपवास रखकर रोहिणी
नक्षत्र और अष्टमी
तिथि पर व्रत
का पारण किया
जाता है। व्रत
का पारण रोहिणी
नक्षत्र में श्री
कृष्ण के जन्म
के बाद किया
जाता है।
माखनचोर
श्री कृष्ण के
जन्मदिवस पर कुछ
Janmashtami Shayari in Hindi आपके
सामने प्रस्तुत हैं|
ये सभी जन्माष्टमी
शायरी और सुविचार
आप अपने सगे
सम्बन्धियों को भी
भेजिए और शुभकामनायें
दीजिये|
जब
भी श्री कृष्ण
का नाम सुनते
हैं तो हमारे
मानसपटल पर एक
चित्र उत्पन्न हो
जाता है| सिर
पर मोर के
पंख का मुकुट,
हाथ में बंसी,
पीले वस्त्र, नीला
शरीर और मोहक
मुस्कान… ऐसा रूप
है हमारे कृष्ण
कन्हैया का|
माँ
यशोदा के लाडले
श्री कृष्ण, भगवान
विष्णु के अवतार
हैं| श्री कृष्ण
की बाल लीलाओं
से कौन परिचित
नहीं है| समस्त
संसार को अपनी
मुरली की धुन
का दीवाना बनाने
वाले श्री कृष्ण
हम सबके दिलों
में वास करते
हैं| बचपन में
माँ यशोदा को
तंग करना, गोपियों
के साथ रासलीला,
भैया बलराम के
साथ गाय चराना,
माखन चुराकर खाना
और ना जाने
कितनी ही उनके
जीवन की घटनायें
हैं जिन्हें सुनकर
उनके नटखट बाल
स्वरूप के दर्शन
होते हैं|
भगवान श्री कृष्ण के जीवन का हर पल हमारे लिए प्रेरणादायक हैं| बचपन से लेकर बड़े होने तक श्री कृष्ण ने जीवन के हर मोड़ पर एक गहरा सन्देश छोड़ा है| गीता में श्री कृष्ण ने जीवन मरण और मनुष्य जीवन से जुड़े हर प्रश्नों का जवाब दिया है|
उस बाल गोपाल, गिरिधरलाल के जन्मदिन यानि जन्माष्टमी के अवसर पर हम आपके साथ कुछ शुभकामनायें संदेश शेयर कर रहे हैं| ये मैसेज आप अपने मित्रों को भी भेजें-
दही की
हांड़ी, बारिश की फुहार
माखन चुराने
आया नन्दलाल
पलकें झुकें और नमन हो जाये
मस्तक झुके और वंदन हो जाये
ऐसी नजर कहाँ से लाऊँ मेरे कन्हैया
कि आपको याद करूँ
और आपके दर्शन हो जाये
मस्तक झुके और वंदन हो जाये
ऐसी नजर कहाँ से लाऊँ मेरे कन्हैया
कि आपको याद करूँ
और आपके दर्शन हो जाये
हे जगत के स्वामी
हे त्रिभंगीलाल
कर दो सबका बेड़ापार
हे त्रिभंगीलाल
कर दो सबका बेड़ापार
जो केवल अपना भला चाहता है
वो दुर्योधन है
जो अपनों का भला चाहता है
वो युधिष्ठिर है
जो सबका भला चाहते हैं
वो श्री कृष्ण हैं
वो दुर्योधन है
जो अपनों का भला चाहता है
वो युधिष्ठिर है
जो सबका भला चाहते हैं
वो श्री कृष्ण हैं
ओ नंद के लाला, ओ पालनहार
तेरी लीला अपरम्पार
कृष्ण जिसका नाम
गोकुल जिसका धाम
ऐसे श्री कृष्ण भगवान को
हम सबका प्रणाम
गोकुल जिसका धाम
ऐसे श्री कृष्ण भगवान को
हम सबका प्रणाम
बलराम हैं जिसके भैया
जो पार लगाता सबकी नैया
बोलो कौन ?
वो है अपना किशन कन्हैया
जिसने खाया माखन चुराकर
दीवाना बनाया बंसी बजाकर
उस कृष्ण को नमन है सर झुकाकर
दीवाना बनाया बंसी बजाकर
उस कृष्ण को नमन है सर झुकाकर
नाम हैं जिनके बड़े निराले
माखनचोर, जगत के रखवाले
वो हैं कृष्णा बंसी वाले
माखनचोर, जगत के रखवाले
वो हैं कृष्णा बंसी वाले
नाम हैं जिनके बड़े निराले
माखनचोर, जगत के रखवाले
वो हैं कृष्णा बंसी वालेनाम हैं जिनके बड़े निराले
माखनचोर, जगत के रखवाले
वो हैं कृष्णा बंसी वाले
माखनचोर, जगत के रखवाले
वो हैं कृष्णा बंसी वालेनाम हैं जिनके बड़े निराले
माखनचोर, जगत के रखवाले
वो हैं कृष्णा बंसी वाले
हे कृष्णा, हे गोविंद, हे मुरारी
त्रिभुवन के स्वामी, हे पालन हारी
तुमको प्रणाम
त्रिभुवन के स्वामी, हे पालन हारी
तुमको प्रणाम
लीला जिसकी अपरम्पार
जिसने बनाया यह संसार
जिसने गाया गीता सार
हम सबको है उससे प्यार
जिसने बनाया यह संसार
जिसने गाया गीता सार
हम सबको है उससे प्यार
जिसकी लीला है निराली
जिसके नाम से आती खुशहाली
उस कृष्ण की दीवानी दुनिया सारी
जिसके नाम से आती खुशहाली
उस कृष्ण की दीवानी दुनिया सारी
नन्द के घर आनंद भयो
हाथी घोड़ा पालकी
जय कन्हैया लाल की
हाथी घोड़ा पालकी
जय कन्हैया लाल की
नन्द के लाल, यशोदा के पुत्र
कृष्ण जी प्यारे, यशोदा के दुलारे
सबके पालनहार, सबके रखवाले
कृष्ण जी प्यारे, यशोदा के दुलारे
सबके पालनहार, सबके रखवाले
पलकें झुकें और नमन हो जाये
मस्तक झुके और वंदन हो जाये
ऐसी नजर कहाँ से लाऊँ मेरे कन्हैया
कि आपको याद करूँ
और आपके दर्शन हो जाये
मस्तक झुके और वंदन हो जाये
ऐसी नजर कहाँ से लाऊँ मेरे कन्हैया
कि आपको याद करूँ
और आपके दर्शन हो जाये
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